37 Rajasthan Ke Pramukh Shilalekha Best Notes

राजस्थान के प्रमुख शिलालेख (Rajasthan Ke Pramukh Shilalekha)

बिजोलिया शिलालेख

• बिजोलिया शिलालेख भीलवाड़ा में है ।
• बिजोलिया शिलालेख के लेखक गुणभद्र सुरी थे ।
• यह शिलालेख 1170 ई. का है ।

घोसुण्डी शिलालेख

• घोसुण्डी शिलालेख चितौड़गढ़ में है ।
• यह शिलालेख वैष्णव सम्प्रदाय / भागवत सम्प्रदाय का सबसे प्राचीन शिलालेख है ।
• इस शिलालेख को डॉ. D.R भण्डोरकर द्वारा सर्वप्रथम पढ़ा गया ।

बरेली शिलालेख

• बरेली शिलालेख अजमेर में है ।
• यह राजस्थान का प्राचीन शिलालेख है ।

कुम्भलगढ़ शिलालेख

• कुम्भलगढ़ शिलालेख राजसमंद कुम्भस्वामी के मंदिर में रखा हुआ है ।
• यहाँ बप्पारावल को विप्र वंशीय बतलाया गया है ।
• इस शिलालेख में गुहिल को बप्पारावल का पुत्र बताया गया है, जो गलत है ।
• यह शिलालेख वर्तमान में उदयपुर संग्राहलय में रखा है ।

घटियाला शिलालेख

• घटियाला शिलालेख जोधपुर में है ।

चिरवा शिलालेख

• चिरवा शिलालेख उदयपुर में है ।

बसन्तगढ़ शिलालेख

• बसन्तगढ़ शिलालेख सिरोही में है ।
• यहाँ से हमें सामन्ती व्यवस्था के बारे में पता चलता है ।

मानमोरी शिलालेख

• मानमोरी शिलालेख चितौड़गढ़ में है ।

कणसवा शिलालेख

• कणसवा शिलालेख कोटा है ।
• इसमें अमृत मंथन का उल्लेख है ।
• कर्नल जेम्स टॉड इसे इंग्लैंड ले जाते समय समुद्र में डाल गया ।

किर्तिस्तम्भ शिलालेख

Rajasthan Ke Pramukh Shilalekha कीर्ति स्तम्भ

• किर्तिस्तम्भ शिलालेख चित्तौड़गढ़ में है ।
• इसमें कुम्भा को शैल गुरू, दान गुरु, हाल गुरू बताया गया है ।

अचलेश्वर मंदिर का शिलालेख

• अचलेश्वर मंदिर का शिलालेख सिरोही है ।
• इसमें चौहानों को चन्द्रवंशी बताया गया है ।

विजयगढ युप शिलालेख

• विजयगढ युप शिलालेख भरतपुर में है ।

हर्षनाथ की प्रशस्ति

• हर्षनाथ की प्रशस्ति सीकर में है ।

जूना प्रशस्ति /राय प्रशस्ति

• जूना प्रशस्ति /राय प्रशस्ति बीकानेर में है ।
• इस प्रशस्ति को रायसिंह ने तैयार करवाई थी ।
• इस प्रशस्ति के रचयिता जदुंता है ।

सामोली का शिलालेख

• सामोली का शिलालेख उदयपुर में है ।

चाईबीपीर दरगाह का शिलालेख

• चाईबीपीर दरगाह का शिलालेख चितौड़गढ़ में है ।
• यहाँ चितौड़ का नाम खिज्राबाद लिखा हुआ है ।

राज प्रशस्ति

• राज प्रशस्ति राजसमन्द झील में है ।
• इसका निर्माण राजसिंह ने करवाया था ।
• इसके रचियता रणछोड़ भट्ट तेलगं है ।
• इसमें मेवाड़ का इतिहास संस्कृत भाषा में लिखा हुआ है ।
• यह विश्व के सबसे बड़ी प्रशस्ति राजस्थान में है ।

आमेर का शिलालेख

• आमेर का शिलालेख जयपुर में है ।
• इसमें कछवाह शासकों को रघुवंश का तिलक कहा है ।

नागदा का शिलालेख

• नागदा का शिलालेख उदयपुर में है ।
• यह सास-बहू के मंदिर में लगा हुआ है ।
• इसमें संयुक्त परिवार प्रथा का उल्लेख मिलता है ।

माचेड़ी की बावली का शिलालेख

• माचेड़ी की बावली का शिलालेख अलवर में है ।
• इसमें पहली बार गुर्जर शब्द का उल्लेख मिलता है ।

अजमेर का शिलालेख

• अजमेर का शिलालेख अजमेर में है ।
• राजस्थान का सबसे प्राचीन फारसी शिलालेख है ।

नान्दसा युप स्तूप

• नान्दसा युप स्तूप भीलवाड़ा में है ।
• यह एक सरोवर में बना हुआ है, इसे सरोवर के सुखने पर ही पढ़ा जा सकता है ।
• सोम ने 225 ई. में इसकी स्थापना की ।
• उतरी भारत में प्रचलित पौराणिक यज्ञों के बारे में जानकारी मिलती है ।

पुठोली का शिलालेख

• पुठोली का शिलालेख चितौड़गढ़ में है ।
• इस शिलालेख से ज्ञात होता है कि मौयों का संबंध राजस्थान से है ।

जगन्नाथ राय का शिलालेख

• जगन्नाथ राय का शिलालेख उदयपुर में है ।
• इस शिलालेख से हमें हल्दीघाटी युद्ध का वर्णन मिलता है ।

भाब्रू शिलालेख

• भाब्रू शिलालेख बैराठ (जयपुर) में है ।
• यह शिलालेख जयपुर में विराटनगर कि बीजक कि पहाड़ी पर उत्कीर्ण है ।
• यह पाली व ब्राह्मी लिपि में लिखा हुआ है ।
• अशोक सम्राट शिलालेख को 1840 में केप्टन बर्ट ने कलकता संग्रहालय में रखवा दिया ।
• चीनी यात्री हेनसांग ने भी बैराठ कि पहाड़ियों का भम्रण किया था ।

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