4 Rajasthan Ki Jalvayu । राजस्थान की जलवायु

क्या आप जानते है ? राजस्थान की जलवायु (Rajasthan Ki Jalvayu) कैसी है ।

राजस्थान की जलवायु (Rajasthan Ki Jalvayu) :- आज हम राजस्थान की जलवायु को समझते हुए, राजस्थान की जलवायु को पढ़ेगें । अधिकांश राजस्थान में उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु पाई जाती है । डुँगरपुर व बाँसवाड़ा में उष्णकटिधीय जलवायु पाई जाती है । राजस्थान की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक तापमान तथा वायु की दिशा है । वर्षा ऋतु, ग्रीष्म ऋतु और शीत ऋतु राजस्थान की जलवायु (Climate of Rajasthan अर्थात् Rajasthan Ki Jalvayu) आधार है ।

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Rajasthan Ki Jalvayu में वर्षा ऋतु का योगदान

• राजस्थान में वर्षा ऋतु का समय मध्य जून से सितम्बर माह तक होता है ।
• राजस्थान में औसत वर्षा 57.6 CM (58CM)) होती है ।
• राजस्थान को 50 से॰मी॰ वर्षा रेखा दो भागों में विभक्त करती है ।
• मरूस्थल को 25 से॰मी॰ वर्षा रेखा दो बराबर भागों में विभक्त करती है ।
• लगभग 90 प्रतिशत वर्षा गर्मियों में होती है ।
• राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा दक्षिण-पश्चिमी मानसून से होती है ।
• बंगाल की खाड़ी में आने वाला मानसून अरावली पर्वत माला के लम्बवत होने के कारण पूर्वी राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा करता है ।
• बंगाल की खाड़ी से आने वाले मानसून से सर्वाधिक वर्षा होती है ।
• बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवाओं को ‘पुरवाई’ कहा जाता है ।
• अरब सागर से आने वाला मानसून अरावली पर्वतमाला के समान्तर होने के कारण बिन बरसे ही आगे निकल जाता है और पश्चिम राजस्थान सुखा रह जाता है ।
• पश्चिमी राजस्थान में कम वर्षा होने का कारण अरावली की ‘वृष्टीछाया प्रदेश’ में आता है ।
• राजस्थान का दक्षिणी भाग बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर से आने वाली दोनों मानसूनी हवाओं से वर्षा प्राप्त करता है ।
• राजस्थान में सबसे पहले मानसून बाँसवाड़ा में प्रवेश करता है ।
• भारत में सबसे पहले मानसून अण्डमान निकोबार के बाद केरल में प्रवेश करता है ।
• राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा झालावाड़ तथा न्युनतम वर्षा जैसलमेर में होती है ।
• राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा स्थान माउन्ट आबू (सिरोही) तथा न्यूनतम वर्षा वाला स्थान समगाँव (जैसलमेर) है ।
• राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा वाला संभाग कोटा है ।
• राजस्थान में औसत वर्षा के दिनों की संख्या 29 दिन है ।
• राजस्थान में मानसून पूर्व होने वाली वर्षा को ‘दोगड़ा’ कहा जाता है ।

Rajasthan Ki Jalvayu में ग्रीष्म ऋतु का प्रभाव

• ग्रीष्म ऋतु मार्च से जून तक होती है ।
• 21 मार्च व 23 सितम्बर को दिन रात बराबर होते है ।
• सर्वाधिक एवम् न्यूनतम तापमान वाला जिला चुरू है ।
• सर्वाधिक दैनिक तापमानान्तर वाला जिला जैसलमेर है ।
• सर्वाधिक वार्षिक तापमानान्तर वाला जिला चुरु है ।
• सर्वाधिक शुष्क स्थान ‘फलौदी’ तथा शुष्क जिला ‘जैसलमेर’ है ।
• सर्वाधिक गर्म महिना – जून तथा सर्वाधिक गर्म दिन -21 जून है ।
• सबसे बडा दिन तथा सबसे छोटी रात 21 जून को होती है ।
• सबसे बड़ी रात तथा सबसे छोटा दिन 22 दिसम्बर को होता है ।
• राजस्थान में सर्वाधिक आधियाँ गंगानगर जिले में 27 दिनों तक चलती है ।
• राजस्थान में न्यूनतम आधियाँ झालावाड़ जिले में 3 दिनों तक चलती है ।
• समुद्र तल से ऊपर जाने पर 165 मीटर की ऊँचाई पर 1C तापमान में कमी आती है तथा घरातल से 32 मीटर की गहराई पर जाने पर 1C तापमान में वृद्धि होती है ।
• राजस्थान में चलने वाली उष्ण/ गर्म हवाओं को ‘लू’ कहा जाता है ।
• पश्चिमी राजस्थान का गर्म होने का कारण ‘रेतीला मरूस्थल’ है ।
• पूर्वी राजस्थान का गर्म होने का कारण ‘सेण्डस्टोन पत्थर’ है ।

Rajasthan Ki Jalvayu में शीत ऋतु का महत्त्व

• शीत ऋतु अक्टूम्बर व नवम्बर का समय ‘मानसून प्रत्यावर्तन’ का समय होता है ।
• मानसून प्रत्यावर्तन से राजस्थान में 10 प्रतिशत वर्षा होती है ।
• राजस्थान में सर्दियों में सर्वाधिक ‘वज्र तुफान’ आते है ।
• सर्वाधिक वज्र तुफान झालावाड़ में तथा न्यूनतम गंगानगर में आते है ।
• जब वज्र तुफान आते है तो 140 कि॰मी॰ प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ चलती है ।
• सबसे ठण्डा जिला चुरू व सबसे ठण्डा स्थान माउंट आबू है ।
• माउंट आबू को राजस्थान का ‘बरखोयास्क’ कहते है ।
• सबसे ठण्डा महीना जनवरी व सबसे ठण्डा दिन 22 दिसम्बर है ।

राजस्थान की जलवायु में मावठ का भी योगदान है ।

• शीतऋतु में होने वाली वर्षा को ‘मावठ’ कहा जाता है ।
• मावठ भूमध्य सागरी चक्रवातों से होती है ।
• मावठ पश्चिम विक्षोभ से होती है ।
• मावठ राजस्थान के उत्तरी पश्चिमी भाग में होती है ।
• मावठ रबी की फसल के लिए लाभदायक है ।
• मावठ को ‘गोल्डन ड्रोपा’ के नाम से भी जाना जाता है ।

राजस्थान की जलवायु अर्थात् राजस्थान को तापमान, वर्षा, आर्द्रता आदि के आधार पर 5 भागों में बांटा गया है ।

• शुष्क जलवायु प्रदेश
• अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश
• उपआर्द्ध जलवायु प्रदेश
• आर्द्ध जलवायु प्रदेश
• अति आर्द्ध जलवायु प्रदेश

कोपेन के अनुसार राजस्थान की जलवायु वर्गीकरण

• राजस्थान की जलवायु को चार भागों में बाँटा है । उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु (A.W) में डूँगरपूर व बाँसवाड़ा आता है । शुष्क शीत जलवायु (C.W.G) में हाड़ौती, मेवात तथा डांग क्षेत्र आते है । अर्द्धशुष्क जलवायु प्रदेश (BSHW) में जोधपुर, जालौर, नागौर, बाड़मेर, चुरू, व दक्षिणी पश्चिम गंगानगर आता है । शुष्क उष्ण मरूस्थलीय जलवायु प्रदेश (BWHW) जैसलमेर, पश्चिम बीकानेर, गंगानगर आते है ।

क्रमांकराजस्थान की जलवायु का भागक्षेत्र
1उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु (A.W)डूँगरपूर व बाँसवाड़ा
2शुष्क शीत जलवायु (C.W.G)हाड़ौती, मेवात तथा डांग क्षेत्र
3अर्द्धशुष्क जलवायु प्रदेश (BSHW)जोधपुर, जालौर, नागौर, बाड़मेर, चुरू, व दक्षिणी पश्चिम गंगानगर
4शुष्क उष्ण मरूस्थलीय जलवायु प्रदेश (BWHW)जैसलमेर, पश्चिम बीकानेर, गंगानगर ।

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