32 Rajasthan Ke Pramukha Mele Best Notes

Contents hide
1 Rajasthan Ke Pramukha Mele (राजस्थान के प्रमुख मेले)

Rajasthan Ke Pramukha Mele (राजस्थान के प्रमुख मेले)

Rajasthan ke pramukha Mele राजस्थान के प्रमुख मेले

चैत्र माह के मेले

गुलाबी गणगौर का मेला

• गुलाबी गणगौर का मेला नाथद्वारा में लगता है ।
• गुलाबी गणगौर का मेला चैत्र शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है ।

घुड़ला मेला

• घुड़ला मेला मारवाड़ में लगता है ।
• घुड़ला मेला मुख्य रूप से चैत्र कृष्णा अष्टमी को लगता है ।
• यह त्यौहार राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में चैत्र कृष्णा अष्टमी से लेकर चैत्र शुक्ला तृतीया तक मनाया जाता है ।

धनोप माता का मेला

• धनोप माता का मेला भीलवाड़ा में लगता है ।
• यह मेला चैत्र कृष्ण एकम से दशमी को लगता है ।

घोठीया अम्बा माता का मेला

• घोठीया अम्बा माता का मेला बांसवाड़ा जिले में घोटिया नामक स्थान पर लगता है ।
• घोटिया अम्बा मेला चैत्र की अमावस्या को भरता है ।

ऋषभदेव मेला

• ऋषभदेव मेला राजस्थान के उदयपुर ज़िले में धुलैव नामक स्थान पर लगता है ।
• चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को प्रतिवर्ष भरता है।

जौहर मेला

• जौहर मेला चितौडगढ़ में लगता है ।
• यह मेला चैत्र कृष्ण एकादशी के दिन लगता है ।
• यह मेला आत्मसम्मान व सतीत्च की रक्षा के लिए दुर्ग पर जौहर करने वाली वीरांगनाओं को श्रद्धाजंलि देने के लिए वर्ष 1981 से लगता है ।

धींगा गणगौर मेला

• धींगा गणगौर मेला उदयपुर में अमरसिंह द्वारा प्रारम्भ किया गया ।
• चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में प्रारम्भ होकर वैसाख कृष्ण पक्ष की तृतीया पर समाप्त होता है ।

राम रावण मेला

• यह मेला बड़ी सादडी (चितौड़गढ़) में लगता है ।
• चैत्र शुक्ला दशमी को राज्य के किस जिले में राम-रावण मेले का आयोजन होता है ?

कैला देवी मेला

• कैला देवी मेला करौली में चैत्र शुक्ल अष्टमी को भरता है ।
• इस मेले के मीणा जनजाति द्वारा लांगुरिया लोकगीत गया जाता है, जो एक भक्ति लोकगीत है ।
• यह एक लक्खी मेला है ।

महावीर जी मेला

• महावीर जी मेला करौली में चैत्र शुक्ल 13 को गम्भीर नदी के किनारे लगता है ।
• राजस्थान में जैन समाज का सबसे बड़ा मेला है ।

शीतला माता मेला

• यह मेला चाकसू (जयपुर) चैत्र कृष्ण अष्टमी को लगता है ।

पाण्डुपोल बालाजी मेला

• पाण्डुपोल बालाजी का मेला अलवर में लगता है ।
• यह मेला हनुमान जयन्ती को (चैत्र पूर्णिमा) लगता है ।

गणगौर मेला

• गणगौर का मेला जयपुर में चैत्र शुक्ल तृतीय को लगता है ।

फूलडोल मेला

• फूलडोल मेला शाहपुरा (भीलवाड़ा) में लगता है ।
• यह मेला चैत्र कृष्ण एकम् से पंचमी तक भरता है ।
• रामस्नेही सम्प्रदाय का सबसे बड़ा मेला है ।

करणी माता मेला

• करणी माता मेला देशनोक (बीकानेर) में भरता है ।
• यह नवरात्रों में लगता है ।

जीणमाता मेला

• जीणमाता मेला रेवासा (सीकर) में नवरात्रों में लगता है ।
• यह मेला वर्ष में दो बार लगता है ।

सालासर बालाजी मेला

• यह चूरू में हनुमान जयन्ती को लगता है ।
• हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा और आश्विन पूर्णिमा पर बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है ।

वैशाख माह के मेले

बाण गंगा मेला (ban ganga Mela)

• बाण गंगा मेला जयपुर में वैशाख पूर्णिमा को लगता है ।

धींगा गवर बेतमार मेला

• जोधपुर में वैशाख कृष्ण तृतीया को धींगा गवर बेतमार मेला लगता है ।

मातृकुण्डिया मेला

• मातृकुण्डिया मेला राशमी तहसील (चितौडगढ़) वैशाख पूर्णिमा को चन्द्रभागा नदी के किनारे लगता है ।
• इसे राजस्थान का हरिद्वार भी कहते हैं, यहाँ प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला बना हुआ है ।

गौर मेला

• गौर मेला माउण्ट आबू (सिरोही) में लगता है ।
• गौर का मेला वैशाख मास की पूर्णिमा को भरता है ।

ज्येष्ठ माह के मेले

सीताबाड़ी मेला

• सीताबाड़ी मेला बांरा में, ज्येष्ठ अमावस्या को भरता है ।
• यह हाडौती क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला है ।
• यह सहरिया जनजाति का सबसे बड़ा मेला है ।
• इसे आदिवासियों का लघु कुम्भ भी कहते है ।

सीतामाता मेला

• सीतामाता का मेला प्रतापगढ़, ज्येष्ठ अमावस्या को लगता है ।
• यहाँ लव और कुश नामक गर्म व ठण्डे पानी के दो जल कुण्ड है ।

गंगा दशहरा मेला

• गंगा दशहरा मेला कामां तहसील (भरतपुर) लगता है ।
• यह पर्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष दशमी तिथि को मनाई जाती है. इसलिए इस बार गंगा दशहरा पर्व दो दिन मनाये जायेंगे ।

आषाढ़ माह

श्रावण माह

नागपंचमी मेला

• श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि को नागपंचमी मेला मण्डोर (जोधपुर) में लगता है ।

कल्प वृक्ष मेला

• कल्प वृक्ष मेला मांगलियावास (अजमेर) हरियाली अमावस्या (सावन कृष्ण अमावस्या) को लगता है ।
• इस मेले में पुरुषों का प्रवेश वर्जित है ।
• उदयपुर में फतेहसिंह ने शुरू किया था ।

डिग्गी कल्याण जी मेला

• डिग्गी कल्याण जी मेला टोंक में लगता है ।
• डिग्गी कल्याण जी मेला श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को लगता है।।

छोटी तीज का मेला

• यह मेला जयपुर में श्रावण शुक्ल तृतीय को लगता है ।

भाद्रपद माह

बाबू महाराज मेला

• बाबू महाराज मेला धौलपुर में लगता है ।
• भाद्र मास शुक्ल पक्ष दूज को यहाँ हर वर्ष मेला लगता है ।

रामदेव जी मेला

• रामदेव जी मेला रामदेवरा (जैसलमेर) में भरता है ।
• यह मेला भाद्र शुक्ल द्वितीय से एकादशमी तक भरता है ।
• यह लोक देवताओं में साम्प्रदायिक सद्भावना का सबसे बड़ा मेला है परन्तु सन्तों में साम्प्रदायिक सद्भावना का सबसे बड़ा उर्स (मेला) संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का है ।
• रामदेवजी के मेले में कामड़िया जाति की महिलाएँ तेरहताली नृत्य करती है ।
• यह मेला मारवाड़ क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला है तथा मारवाड़ का कुम्भ कहलाता है ।

वृक्ष मेला

• वृक्ष मेला खेजड़ली गाँव (जोधपुर) में भाद्र शुक्ल दशमी (तेजादशमी) को भरता है ।
• यह विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला है ।
• अमृता देवी विश्नोई के नेतृत्व में वृक्ष बचाने के लिए आन्दोलन हुआ ।
• यह आन्दोलन 28 अगस्त 1730 को हुआ उस समय जोधपुर का शासक अभयसिंह था ।
• इस आन्दोलन में 363 व्यक्ति (महिलायें 69) शहीद हुए ।

कजली तीज का मेला

• कजली तीज का मेला बूंदी में भाद्र कृष्ण तृतीय को लगता है ।
• इसे सातुड़ी, बडी तथा बुढी तीज भी कहते है ।

सवाई भोज मेला

• यह मेला आसीन्द (भीलवाड़ा) भाद्र शुक्ल अष्टमी को लगता है ।

राणी सती मेला

• राणी सता का मेला झुन्झुनु में भाद्र अमावस्या को लगता है ।
• यह मेला 1987 में दिवराला सीकर मे रूपर कंवर के (पति – मालसिंह) सती होने पर रोक लगा दी ।
• जन भावना को देखते हुए इसे फिर से शुरू कर दिया गया है ।

भर्तृहरी मेला

• यह अलवर में भाद्रपद कृष्ण तृतीया को लगता है ।
• मत्स्य क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला है ।

आश्विन माह

दशहरा मेला

• दशहरा का मेला कोटा लगता है ।
• यह मेला आश्विन शुक्ल दशमी को लगता है ।
• इसे माधोसिंह ने प्रारम्भ किया था ।
• इस मेले के अवसर पर खेजडी की पूजा करते है ।

कार्तिक माह

पुष्कर मेला

• पुष्कर मेला अजमेर के पुष्कर में नवम्बर माह में कार्तिक पूर्णिमा को भरता है ।
• इस मेले में सर्वाधिक विदेशी पर्यटक भाग लेते है ।
• यह राजस्थान का सबसे बड़ा व रंगीन मेला है ।

साहवा मेला

• साहवा मेला चुरू में, कार्तिक पूर्णिमा को भरता है ।
• राजस्थान में सिक्ख समाज का सबसे बड़ा मेला है ।

कपिल मुनि का मेला

• कपिल मुनि का मेला बीकानेर में मेला कोलायत झील के किनारे कार्तिक पूर्णिमा को भरता है ।
• इस मेले में चारण जाति के लोग भाग नहीं लेते है ।
• जाँगल प्रदेश का सबसे में मेला है ।

कपिल धारा मेला

• कपिल धारा मेला बारां में कार्तिक पूर्णिमा को लगता है ।

मार्गशीर्ष माह

मानगढ़धाम मेला

• मानगढ़धाम मेला बांसवाड़ा में लगता है ।
• मानगढ़ धाम पर प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर मेले का आयोजन किया जाता है ।

पौष माह

माघ माह

लोहार्गल मेला

• लोहार्गल मेला झुंझुनूँ में लगता है ।
• यहां समय-समय पर विभिन्न धार्मिक अवसरों जैसे ग्रहण, सोमवती अमावस्या और भाद्रपद अमावस्या के मौके पर मेला लगता है ।
• इसके अलावा माघ मास की सप्तमी पर भी सूर्य सप्तमी महोत्सव मनाया जाता है।

वेणेश्वर धाम का मेला

• वेणेश्वर धाम का मेला नवटापरा गाँव (डुँगरपुर) में है ।
• यह मेला माघ शुक्ल एकम से पूर्णिमा तक लगता है ।
• वेणेश्वर धाम का मेला का मुख्य मेला पूर्णिमा को लगता है ।
• यह आदिवासियों का सबसे बड़ा मेला है । इसे आदिवासियों का कुम्भ भी कहते है ।
• यह बांगड़ क्षेत्र का पुष्कर व सबसे बड़ा मेला कहलाता है ।
• यह सोम माही और जाखम नदियों के संगम पर स्थित है ।
• संत मावजी को संबंध इसी धाम से है ।
• यहाँ भारत को एकमात्र खण्डित शिवलिंग है जिसकी पूजा की जाती है ।

चौथ माता का मेला

• यह मेला चौथ का बरवाड़ा (सवाई माधोपुर) में लगता है ।
• यह मेला माघ कृष्ण चतुर्थी को लगता है ।

फाल्गुन माह

बादशाह मेला

• बादशाह मेला ब्यावर में होली के तीसरे दिन लगता है ।
• जब बादशाह और बीरबल की सवारी निकाली जाती है उस समय यह मेला लगता है ।

शिवरात्रि मेला

• यह मेला शिवाड़ (सवाई माधोपुर) में लगता है ।
• यह मेला फाल्गुन कृष्ण त्रियोदशमी को लगता है ।

खाटु श्याम जी मेला

• खाटु श्याम जी मेला दांतारामगढ़ तहसील (सीकर) में लगता है ।
• यह मेला फाल्गुन शुक्ल एकादशमी व द्वादशमी को लगता है ।

मेहन्दीपुर बालाजी मेला

• यह मेला दोसा में लगता है ।
• यहां प्रतिवर्ष होली के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता है।
• राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेंहदीपुर बालाजी नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए जाना जाता है। इस मंदिर की ऐसी कई विचित्र बातें हैं, जो लोगों को हैरान करती है।

अन्य मेले

12 भाईयों का मेला

• यह मेला धौलपुर में लगता है ।

Youtube

Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *